क्यूंकि जीवन की लंबाई नहीं जीवन की गहराई मायने होती है। क्यूंकि जीवन की लंबाई नहीं जीवन की गहराई मायने होती है।
सिद्धार्थ से बुद्ध की आत्मा के परमात्मा का यथार्थ सत्यार्थ।। सिद्धार्थ से बुद्ध की आत्मा के परमात्मा का यथार्थ सत्यार्थ।।
जो अनिश्चित है बांधे नहीं जा सकते पर मेरा वजूद भी इनसे ही है। जो अनिश्चित है बांधे नहीं जा सकते पर मेरा वजूद भी इनसे ही है।
मन की आवाज़ ही दिल की आवाज़ होती है। मन की आवाज़ ही दिल की आवाज़ होती है।
सृष्टि को सृजित कर जाती, कुछ शब्दों में, कैसे तोलू, नपे- तुले शब्दों में, कैसे बोल सृष्टि को सृजित कर जाती, कुछ शब्दों में, कैसे तोलू, नपे- तुले शब्दों मे...